If you can’t feed a hundred people, then feed just one

उन मासूम आँखों में, नजाने कितने सपने सजे थे, ज़्यादा की उम्मीद नहीं थी, पर नंगे पाऊं पैर में कंकड़ बहुत चुभे थे, कभी झूठा खाकर तो कभी बेबस खाली…

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